कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया, मुख्य पंडाल व मंच, दर्शक दीर्घा की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और वीआईपी व आम जनता के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून में आयोजित विशाल रैली, जो उनके जन्मदिन की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित की जा रही है, राज्य में ऐतिहासिक मानी जा रही है। विनय शंकर पांडे (गढ़वाल कमिश्नर) और बंशीधर तिवारी (सूचना निदेशक) ने अपनी टीमों के साथ मिलकर की गई तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशासन के सघन सुरक्षा प्रबंधों और समन्वित तैयारियों के परिणामस्वरूप, कार्यक्रम स्थल पर एक लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए और रैली के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कार्यक्रम स्थल, जनता के प्रवेश और निकास, यातायात व्यवस्था, पार्किंग और सुरक्षा दल की तैनाती का पूरा खाका तैयार किया। इस दौरान, सूचना निदेशक बंशीधर तिवारी ने मीडिया संचालन, जनसंचार, सूचना प्रवाह और कार्यक्रम कार्यक्रम का कार्यभार संभाला।
आयुक्त पांडे ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया, मुख्य पंडाल व मंच, दर्शक दीर्घा की व्यवस्था की और वीआईपी व आम जनता के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल तक सुगम पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाया। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई और यातायात डायवर्जन व पार्किंग व्यवस्था को पुख्ता बनाया गया। सूचना निदेशक तिवारी ने मीडिया ज़ोन, सूचना बैकलॉग और लाइव समन्वय सहित मीडिया और जनता तक सूचना का सुचारू प्रसार सुनिश्चित किया।
दोनों अधिकारियों के मार्गदर्शन में, पूरे कार्यक्रम के लिए एक समयबद्ध एजेंडा तैयार किया गया, जिसमें कार्यक्रम स्थल पर पहुँचने, मंच से दर्शकों को संबोधित करने, सुरक्षा व्यवस्था और जनता की धारणा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शामिल थी। पुलिस कर्मियों, सीआरपीएफ-बीओपी टीमों, अग्निशमन विभाग, चिकित्सा आपदा प्रतिक्रिया और यातायात प्रशासन सहित लगभग सैकड़ों कर्मियों ने पूरे दिन ड्यूटी की। प्रशासन ने कहा कि यह रैली भविष्य में होने वाले बड़े समारोहों के लिए एक खाका तैयार करेगी, जिससे भविष्य में ऐसे बड़े समारोहों का सुचारू संचालन सुनिश्चित होगा।
इस प्रकार, विनय शंकर पांडे और बंशीधर तिवारी ने अपनी टीमों के साथ पूरी तैयारी की। इससे उत्तराखंड में रैली यादगार बन गई और जनता को मोदी को सुनने का एक बेहतरीन अवसर मिला।