फरीदाबाद में वन विभाग और नगर निगम की टीम ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई फार्म हाउसों को ध्वस्त कर दिया। ग्रामीणों के विरोध के बाद उपायुक्त के साथ बैठक में सहमति बनी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण को हटाने का लक्ष्य है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद जिला वन विभाग अब अरावली वन क्षेत्र में बने फार्म हाउसों को ध्वस्त करने में कोई रियायत नहीं देना चाहता। यही कारण है कि रविवार को अवकाश होने के बावजूद वन विभाग और नगर निगम की टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चार फार्म हाउसों को ध्वस्त कर दिया। दो दिन में अब तक 35 फार्म ध्वस्त किए जा चुके हैं और इनमें प्रमुख रूप से समालखा से भाजपा विधायक मनमोहन भड़ाना का फार्म हाउस है। रविवार को ध्वस्त किए गए चार फार्म हाउसों में एक फार्म हाउस प्रदेश के एक प्रभावशाली नेता का भी बताया जा रहा है।
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आधिकारिक पुष्टि न होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह किस मंत्री या बड़े नेता का है। रविवार को केवल चार फार्म हाउसों पर ही सीमित कार्रवाई हो सकी, क्योंकि अनंगपुर वन क्षेत्र में पहुंची टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासियों ने सड़क जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों ने रास्ता रोक दिया।
विरोध के कारण तोड़फोड़ दस्ता बिना कार्रवाई किए लौट गया। विरोध के कारण दोपहर तक कार्रवाई रुकी रही। इसके बाद जिला वन अधिकारी राजकुमार, ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों के साथ जिला उपायुक्त विक्रम सिंह व ग्रामीणों की 11 सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद ग्रामीणों ने विरोध का रास्ता छोड़ दिया। शाम को अर्थमूवर के जरिए दोबारा कार्रवाई शुरू हुई और चार फार्म हाउसों पर पीला पंजा चलाया गया। एक फार्म हाउस प्रदेश के एक मंत्री का भी बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।
पता चला है कि यह शालू नामक व्यक्ति का है। इसके अलावा शनिवार को प्रदेश के पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना के बेटे व समालखा से भाजपा विधायक मनमोहन भड़ाना के फार्म हाउस पर आंशिक तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी, लेकिन रविवार को इसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। शाम सात बजे तक तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रही। कार्रवाई के दौरान 80 पुलिस कर्मी और पांच ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौजूद रहे। जिला वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अरावली वन क्षेत्र से 6793 से अधिक छोटे-बड़े अवैध निर्माण हटाए जाने हैं।
अरावली में अवैध अतिक्रमण हटाकर जुलाई 2025 के अंत तक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी है। अगस्त में मामले की फिर सुनवाई होगी। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने जिला वन विभाग को समय दिया था। विभाग ने कुछ हिस्सों से अवैध निर्माण हटाए थे, लेकिन बाद में कार्रवाई धीमी हो गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी। अब सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने एक बार फिर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह सारी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार की जा रही है। कोई भी व्यक्ति वन क्षेत्र में निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियां नहीं कर सकता। अनंगपुर के लोगों ने सुबह विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर को हुई बैठक में अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। चाहे कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति हो, अगर अवैध है तो उसे जरूर तोड़ा जाएगा। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। - संजय गुप्ता, कानूनी सलाहकार, जिला वन विभाग
गुरुग्राम में अरावली की छाती पर भी सैकड़ों अवैध फार्म हाउस बने हुए हैं
दिल्ली-एनसीआर के लिए लाइफलाइन कही जाने वाली अरावली पहाड़ी की छाती पर गुरुग्राम क्षेत्र में भी सैकड़ों फार्म हाउस बने हुए हैं। वर्ष 2022 में अक्टूबर के दौरान वन विभाग ने ग्वाल पहाड़ी क्षेत्र में 27 फार्म हाउस ध्वस्त किए थे। इससे डरकर अधिकांश फार्म हाउस के मालिकों ने स्टे ले लिया था।
इसके बाद सोहना के रायसीना क्षेत्र में भी कई बार फार्म हाउस तोड़े गए। वहां भी अधिकांश फार्म हाउस संचालकों ने स्टे ले लिया था। पर्यावरणविद् और अरावली के संरक्षण के लिए सक्रिय सेवानिवृत्त वन संरक्षक डॉ. आरपी बलवालन का कहना है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले के अंतर्गत आने वाले अरावली पहाड़ी क्षेत्र में न केवल सैकड़ों फार्म हाउस अवैध रूप से बने हुए हैं, बल्कि इनके अलावा भी सैकड़ों अन्य निर्माण हैं। अकेले मानेसर इलाके में 200 से ज़्यादा अवैध निर्माण हैं। अनुमान के मुताबिक 10 हज़ार एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर अवैध निर्माण हैं। यहां तक कि सोसायटी भी बन गई हैं। इन्हें गिराने की तैयारी शुरू कर दी गई है।