सीबीएसई समेत देश के सभी शिक्षा बोर्ड में भले ही पिछले कुछ सालों में 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में बड़ा सुधार हुआ है, लेकिन ओपन बोर्ड के जरिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले करीब 55 फीसदी छात्र ही परीक्षा पास कर पाते हैं। यानी ओपन बोर्ड के जरिए पढ़ाई करने वाले करीब 45 फीसदी छात्र 10वीं और 12वीं में फेल हो जाते हैं। यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय ने ओपन बोर्ड के इस प्रदर्शन पर चिंता जताई है और जल्द ही सुधार के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी कर रहा है।
ओपन बोर्ड से पढ़ने वाले 45 फीसदी छात्र फेल
शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल तब की है, जब वर्ष 2024 में देशभर में 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजों पर किए गए अध्ययन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। इसमें पाया गया कि जहां नियमित बोर्ड से 10वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों का पास प्रतिशत 88.1 फीसदी रहा, वहीं ओपन बोर्ड से 10वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों का पास प्रतिशत 54 फीसदी रहा।
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कुछ ऐसी ही स्थिति 12वीं की बोर्ड परीक्षा के नतीजों में भी देखने को मिली है, जहां नियमित बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों का पास प्रतिशत 86.5 फीसदी रहा, जबकि ओपन बोर्ड से 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों का पास प्रतिशत 57 फीसदी रहा। मंत्रालय की मानें तो ओपन बोर्ड से 10वीं और 12वीं के नतीजों से साफ है कि इनमें पढ़ने वाले करीब 45 फीसदी छात्र फेल हो रहे हैं।
गौरतलब है कि देश में इस समय कुल 66 परीक्षा बोर्ड हैं। इनमें तीन राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा बोर्ड और 63 राज्य स्तरीय परीक्षा बोर्ड शामिल हैं। इन 63 राज्य स्तरीय बोर्डों में से 54 नियमित बोर्ड और 12 ओपन बोर्ड हैं। हर साल करीब 16 लाख छात्र ओपन बोर्ड से कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा देते हैं।
गौरतलब है कि इस समय देश में कुल 66 परीक्षा बोर्ड हैं। इनमें से 3 राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा बोर्ड और 63 राज्य स्तरीय परीक्षा बोर्ड हैं। इन 63 राज्य स्तरीय बोर्डों में से 54 नियमित बोर्ड और 12 ओपन बोर्ड हैं। हर साल करीब 16 लाख छात्र ओपन बोर्ड से कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा देते हैं।